Connect With Us

info@cdkgicmathura.com

Call For Inquiry

+91-9368255520

Opening hours

Mon - Sat : 07:30AM - 05:00PM

कॉलेज के विकास का संक्षिप्त परिचय

Home About

श्री चमेली देवी खंडेलवाल गर्ल्स इंटर कॉलेज के विकास का संक्षिप्त इतिहास

ज्ञान मंदिर के विशाल भवन को देखकर किसका मानस मयूर उद्वेलित ना होता होगा जो प्रत्येक वर्ष अनेक बालिकाओं के मस्तिष्क को उत्कृष्ट ज्ञान से भरता है | विकास करना छात्राओं की निजि मानसिक योग्यता पर निर्भर होता है जैसे कि एक संगीतज्ञ अपने शिष्य को संगीत के स्वरों का भली प्रकार ज्ञान कराता है लेकिन उसमें अनेक प्रकार की नवीनता लाना, विद्यार्थी की साधना, रुचि तथा लगन का प्रतिफल होता है| यह एक ऐसा हरा-भरा ज्ञानवृक्ष है जहां से बालिकाएं शिक्षा ग्रहण करके आज अनेक ऊंचे पदों पर आसीन है|
धन्य है प्रभु की महिमा को जिसने एक अत्यंत छोटे पौधे को 12 बालिकाओं से आरंभ कर आज एक विस्तृत रूप में 2500 छात्राओं का हमारे समक्ष उपस्थित कर दिया।
इसका संपूर्ण श्रेय पू० श्रीमती अनार देवी (व्यवस्थापिका) तथा स्व० श्री रामप्रसाद जी खंडेलवाल को है जिन्होंने यह महान कार्य किया|
भविष्य के गर्त में क्या छिपा हुआ है इसे कौन जानता है किसे ज्ञात था कि एक दिन यह साधारण परिवार के व्यक्ति मथुरा नगरी के निवासी देश के बड़े उद्योगपति बनेंगे तथा इतने उदार होंगे जो अपनी परम आदरणीय माता जी श्री चमेली देवी खंडेलवाल की पुण्य स्मृति में बालिकाओं के बौद्धिक विकास हेतु भव्य विशाल शिक्षा संस्थान खोलेंगे, आदरणीय बाबू जी की बहिन श्रीमती अनार देवी जी ने इस महान कार्य हेतु अपना सब कुछ त्याग कर दिया इसलिए उनको यदि विद्यालय की आत्मा कहा जाए तो असंगत नहीं होगा|
मनुष्य के कई जन्मों के शुभ कार्यों का सुंदर परिणाम किसी एक जन्म में प्रतिफलित होता है यही बात पूज्य बाबूजी के लिए लागू होती है वास्तव में जन्म लेना उन्हीं का सफल है जो स्वार्थ की संकुचित सीमा से बाहर निकल कर पवित्र हृदय से 'वसुधैव कुटुंबकम' का आदर्श अपनाकर उदार विचारों से जन कल्याण में अपना जीवन अर्पण कर देते हैं|
सन् 1946 में बसंत पंचमी की पावन बेला में स्व० सेठ श्री रामप्रसाद जी खंडेलवाल ने इस विद्यालय की स्थापना की| उस समय तक श्री कृष्ण की पावन नगरी में कन्या शिक्षा के क्षेत्र में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई थी| प्रगति का नियम है कि एक छोटा सा बीज उचित भूमि में उचित समय पर डालने से और उचित देखभाल करने से कालांतर में एक विशाल वृक्ष बन जाता है| यह बात जितनी प्रगति के जड़ जगत में सत्य है उतनी ही चैतन्य जगत में भी है| इस नव प्रसूत संस्था का जन्म बाबूजी के मूल निवास गली मेघा चौक बाजार, मथुरा में ही हुआ था| श्रीमती द्रौपदी शर्मा इस विद्यालय की प्रथम प्रधानाचार्या रही| श्री मदन मोहन जी इसके प्रथम प्रबंधक थे| श्रद्धेय बाबूजी ने जो बीजा रोपण का कार्य किया उसे स्व० श्री अनार देवी एवं श्री मदन मोहन जी जैसे कर्मठ माली ने अपने कोमल हाथों से सिंचित करके पौधे का रूप दिया|
विद्यालय की प्रबंध समिति के अथक प्रयास से छोटा सा ज्ञान मंदिर सन् 1948 में जूनियर हाई स्कूल की मान्यता प्राप्त कर संतोष की सीमा पर पहुंचा| सन् 1950 में हाईस्कूल की मान्यता प्राप्त हो गयी| शत प्रतिशत परीक्षाफल के फलस्वरुप सन् 1954 में विद्यालय को शिक्षा विभाग ने इंटर कॉलेज के रूप में मान्यता प्रदान कर दी|
प्रबंध समिति का उचित प्रबंध सर्वोत्तम परीक्षा फल योग्य एवं परिश्रमी शिक्षक वर्ग के प्रयास से विद्यालय को प्रत्येक वर्ग में विभिन्न विषयों की मान्यता प्राप्त होती रही| विद्यालय की कर्म प्रबंधिका स्व० श्रीमती रत्नप्रभा खंडेलवाल के अथक प्रयास से सन् 1982 में हाईस्कूल तथा सन् 1988 में इंटर स्तर पर वाणिज्य की मान्यता संपूर्ण उत्तर प्रदेश में छात्राओं के लिए सर्वप्रथम इसी विद्यालय को प्राप्त हुई| तत्पश्चात व्यवसायिक शिक्षा सन् 1990 में उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा तीन ट्रेडों की मान्यता प्रताप प्रदान की गई| वर्तमान में खाद्य संरक्षण, नर्सरी शिक्षा तथा परिधान साज-सज्जा इंटर की कक्षाओं के लिए है|
सन् 1996-97 सत्र से हाई स्कूल में पूर्व व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत खाद्य संरक्षण, पुस्तकालय विज्ञान, टाइप तथा एकॉउंटेन्सी व अंकेक्षण में अनुमति मिल चुकी है| विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षण की समुचित व्यवस्था है| विद्यालय स्व० श्री रामप्रसाद जी खंडेलवाल का ऋणी तो है ही जिन्होंने अपनी स्व० माता जी श्री चमेली देवी की स्मृति के रूप में इस विद्यालय का भव्य और विशाल भवन मथुरा जनपद को दिया| विद्यालय पूर्व प्रबंधक एवं प्रधानाचार्या का भी ऋणी हो गया है| इन्होंने अपना समस्त जीवन (तन-मन-धन) विद्यालय को समर्पित कर वर्तमान स्वरूप विद्यालय को समर्पित किया|
वर्तमान में कुशल प्रबंधक श्री विनोद कुमार खंडेलवाल के निर्देशन में विद्यालय प्रगति की ओर निरंतर अग्रसर हो रहा है| प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री संजीव खंडेलवाल जी भी विद्यालय के विकास में पूर्ण सहयोग व उत्साहित रहते हैं| प्रबंध समिति के सभी पदाधिकारी व सदस्य विद्यालय की विकास यात्रा में पूर्ण सहयोग करते हैं

हमारे परिवार का हिस्सा बनें!

यह एक ऐसा हरा-भरा ज्ञानवृक्ष है जहां से बालिकाएं शिक्षा ग्रहण करके आज अनेक ऊंचे पदों पर आसीन है|

Enroll Now