ज्ञान मंदिर के विशाल भवन को देखकर किसका मानस मयूर उद्वेलित ना होता होगा जो प्रत्येक वर्ष अनेक बालिकाओं के मस्तिष्क को उत्कृष्ट ज्ञान से भरता है | विकास करना छात्राओं की निजि मानसिक योग्यता पर निर्भर होता है जैसे कि एक संगीतज्ञ अपने शिष्य को संगीत के स्वरों का भली प्रकार ज्ञान कराता है लेकिन उसमें अनेक प्रकार की नवीनता लाना, विद्यार्थी की साधना, रुचि तथा लगन का प्रतिफल होता है| यह एक ऐसा हरा-भरा ज्ञानवृक्ष है जहां से बालिकाएं शिक्षा ग्रहण करके आज अनेक ऊंचे पदों पर आसीन है|
धन्य है प्रभु की महिमा को जिसने एक अत्यंत छोटे पौधे को 12 बालिकाओं से आरंभ कर आज एक विस्तृत रूप में 2500 छात्राओं का हमारे समक्ष उपस्थित कर दिया।
इस विद्यालय में केवल शिक्षा पर ही ध्यान केंद्रित नहीं रहता है इसके अतिरिक्त बालिकाओं को भारतीय संस्कृति एवं अच्छे नागरिक की ओर भी ध्यान दिया जाता है| बालिकाओं के चतुर्मुखी विकास हेतु विद्यालय में छात्राओं द्वारा रचनात्मक कार्य भी कराए जाते हैं जिस का संक्षिप्त विवरण निम्न है
हमारे यहां सभी अध्यापिकायें उच्चा शिक्षा प्राप्त की हुई है,